भारत माता की तस्वीर bharat-mata-ki-tasvir
जब धरती के दामन पर हों दाग लहू की होली के....,
कोई कैसे गीत सुना दे बिंदिया कुमकुम
रोली के....,
मैं झोंपडियों की चारण हूँ आस उगाने आई हूँ...,
घायल भारत माता की तस्वीर दिखाने लाई हूँ....,
यहाँ शहीदों की पावन गाथाओं को अपमान मिला...,
डाकू ने खादी पहनी तो संसद में सम्मान मिला...,
राजनीति में लौह पुरुष जैसा सरदार नहीं मिलता....,
लाल बहादुर जी जैसा कोई किरदार नहीं मिलता...,
लोकतंत्र का मंदिर भी लाचार बना कर डाल दिया....,
कोई मछली बिकने का बाज़ार बना कर डाल दिया....,
आँख खुली तो पूरा भारत नाखूनों से त्रस्त मिला....,
जिसको ज़िम्मेदारी थी वो घर भरने में व्यस्त मिला...,
जो कुर्सी के भूखे दौलत के दीवाने हैं...,
सात समंदर पार तिजोरी में जिनके तहखाने हैं...,
जिनकी प्यास महासागर भूख हिमालय पर्वत है...,
लालच पूरा नील गगन है दो कौड़ी की इज्ज़त है...,
जब जब भी जयचंदों का अभिनन्दन होने लगता है...,
तब तब साँपों के बंधन में चन्दन रोने लगता है...,
जब फूलों को तितली भी हत्यारी लगने लगती है...,
तो माँ की अर्थी बेटों को भारी लगने लगती है....,
सौ गाली पूरी होते ही शिशुपाल कट जाते हैं..,
तुम भी गाली गिनते रहना जोड़ सिखाने
आई हूँ...,
घायल भारत माता की तस्वीर दिखाने लाई हूँ...,
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भारत माता की तस्वीर bharat-mata-ki-tasvir
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