बेटियां daughter
बेटियां
माता-पिता की शान कही जाती हैं बेटियां,
घर बदनसीब जिस में न पाती हैं बेटियां।
घर बदनसीब जिस में न पाती हैं बेटियां।
हर दर्द में हर दुःख में कराहतीं जो साथ हैं,
हिम्मत-ओ-होसला सही बढ़ाती हैं बेटियां।
हिम्मत-ओ-होसला सही बढ़ाती हैं बेटियां।
गर बात हो जज्बात और शानो-अमन की,
तो क्या जमीं फलक पे चढ़ जाती हैं बेटियां।
तो क्या जमीं फलक पे चढ़ जाती हैं बेटियां।
कितने किये जतन न सफल हो सके मगर,
पूजा नहीं तपस्या से घर आती हैं बेटियां।
पूजा नहीं तपस्या से घर आती हैं बेटियां।
एक घर न बसाती कुल की लाज़ भी रखतीं,
एक वक्त में दो घरों को सजाती हैं बेटियां।
एक वक्त में दो घरों को सजाती हैं बेटियां।
बस इल्तिज़ा यही मेरी हर खासो-आम से,
न कुर्बान करो ये दुनिया बनाती हैं बेटियां।
न कुर्बान करो ये दुनिया बनाती हैं बेटियां।
घर में हैं सुख और शांति का प्रतीक बेटियां ,
धर लक्ष्मी का रूप घर में आती हैं बेटियां।
धर लक्ष्मी का रूप घर में आती हैं बेटियां।
इनको न कभी धन न सम्पदा की है इच्छा,
बस प्यार से ही 'अली' पल जाती हैं बेटियां।
बस प्यार से ही 'अली' पल जाती हैं बेटियां।
जज्बात = भावना, फलक = आकाश, इल्तिज़ा = प्रार्थना/निवेदन,
बेटियां daughter
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