कुछ इनसे सीखे kuchh inase sikhe
कुछ इनसे सीखे
एक चीटी थी छोटी सी प्यारी सी वह सदा अपनी माँ के साथ चलती लेकिन एक दिन गडबड
हो गयी चलते चलते नन्ही चीटी अपनी माँ से- बिछड गई उसका मन घबराने लगा उसने चारों और देखा दूसरी
चीटिया कही नजर नहीं आ रही थी अब वह क्या करे वह रोने लगी उसका रोना सुनकर पास पेड पर
बैठी चिड़िया नीचे उतरी उसने उसने नन्ही चीटी से पूछा क्या हुआ तू क्यों रो रही हो चीटी ने रोते रोते
कहा मैं अपने परिवार से बिछड गई हू इतना कहकर वह फिर रोने लगी
दयालु चिड़िया ने उसे दिलासा देते हुए कहा घबराओ मत मैं तुम्हारी मदद करुँगी चीटी ने
पूछा कैसे आप चिड़िया कुछ सोचते हुए बोली तुम मेरी पंख पर बैठ जाओ मैं उड़कर तुम्हारे परिवार के पास
पहुचा दूंगी नन्ही चीटी चिड़िया की बात से खुश हुई और चीटी चिड़िया के उपर बैठ गयी और चिड़िया चीटी को
लेकर उड़ गयी चीटी को उपर से निचे देखने में बड़ा मजा आया तभी उन्हें चीटियों की एक पक्ति नजर
आई उसी पक्ति में नन्ही चीटी की माँ भी थी वह बहुत परेशान थी चिड़िया नीचे उतरी चीटी भी सरकती
हुई नीचे उतरी उसने उस चीटी ने चिड़िया को धन्यवाद देते हुए कहा तुमने मेरी मदद की समय आने पर
मै आप की मदद जरुर करुँगी चिड़िया खुश होकर अपनी पेड पर चली जाती है
अगर इंसान भी इनसे सिखे तो आज लोग एक दूसरे की मदद करते तो आज दूसरे के दुश्मन न बनते
कुछ इनसे सीखे kuchh inase sikhe
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