संस्कार moral value



संस्कार
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                               एक परिवार में एक ईमानदार जज उनकी पत्नी और उनकी बेटी सुमन रहते थे सुमन बी.ए तक की आधुनिक शिक्षा के साथ हिंदू धर्म व संस्कृति की ऊची शिक्षा की थी  जज को सुमन के लिए एक ईमानदार और संस्कारी दामाद चाहिए था

                                एक दिन रस्ते में जज की गाडी के इंजन में खराबी आ गयी थी चालक द्वाराबहुत प्रयास करने के बावजूद ठीक नहीं हो रहा था कार को धक्का देने वाला भी कोई नहीं था तभी सामने से कोई एक लड़का चले आ रहा था उस लडके ने जज की मदद की जज ने कहा बैठो मैं  तुम्हे छोड़ देता हू लड़का बैठ जाता हे जज उसके बारे में पूछते है तो लड़का बताता है की मैं विश्वविध्यालय का एक छात्र तथा गरीब परिवार से हु  हर साल प्रथम आने के कारण मुझे छात्रवित्ती मिलती है मेने मैट्रिक से ऍम.ए तक की शिक्षा प्राप्त की है दो महीने में सरकारी छात्रवित्ती  के द्वारा विदेश जाउंगा 

                               युवक की बुद्धिशीलता और अच्छे व्यवहार सेजज  साहब बहुत प्रभावित हुए उन्होंने सोचा भले ही इसके पास पैसा नहीं लेकिन अच्छे संस्कार तो है उन्होंने अपनी बेटी की शादी लडके के साथ करवादी लडके ने अपने खंडहर घर में न रख कर उसने अपने चाचा के घर में सुमन को रखा सुमन को बताया नहीं और बिदेश चला गया

                              सुमन के ससुराल वाले सुमन के व्यवहार से खुश थे अचानक एक दिन एक महिला ने सुमन पे ताना कासी और बोली की तेराबाप अंधा था जो देखे तुझे दूसरे के घर में भेज दिया सुमन आश्चर्य से पूछा क्या यह मेरा घर नहीं है महिला ने एक खंडहर की तरफ इशारा किया बोली यह हे तेरा घर जिसमे तुम रहती हो वह तुम्हारे चाचा का घर है सुमन अपना पूरा सामान उठाया और खंडहर की तरफ चल दी चाचा के मना करने पर सुमन बोली सुमन विनम्रता पूर्वक कहाचाचा जी दोनों अपना ही तो घर है आती जाती रहूंगी यह सुनकर चाचाजी बहु से खुश हुए सुमन अपने घर जाकर सास ससुर के पैर छुए अपना घर साफ सुथरा किया सब चीजे सुव्यवस्थितकर दिया

                                रात को उसने अपने माता पिता को पत्र लिखा पूरी स्थति बताई और कहा आज आपके संस्कारों  ने मुझे सभी परिस्थितियोंका सामना कर हर हाल में खुश रहने की कला सिखाई है

माता पिता ने एक पत्र लिखा जिसमे लिखा था पुत्री पवित्र किए कुल दोऊ यह पत्र पढकर भाव विभोर हो गयी पिता द्वारा भेजे गए कारीगरों ने सुमन का घर बना

                                सुमन अपने पति को कुछ नहीं बताया था जब उसका पति आया यह सब देखकर चकित हो गया सुमन घर प्रवेशससुर को करवाया  और गावके सभी लोगो भोजन करवाया  जज को अपनी बेटी पर बड़ा गर्व हुआ  सुमन और उसका परिवार एक साथ एक घर में रहने लगे

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